सलीम-जावेद (salim javed) और वो पेंटर

ये जो किस्सा है बड़ा ही अजीबोगरीब है, आप ने शायद ये कही सुना या पड़ा होगा..खुद सलीम जावेद (salim javed) ने भी ये नहीं सोचा होगा की उनके साथ कुछ ऐसा भी होगा |

ये किस्सा जुड़ा है सलीम-जावेद (salim javed) की लिखी फिल्म ज़ंजीर (zanjeer ) से जो 1973 मे आई थी… जंजीर (zanjeer ) से पहले ये कहानीकार “जोड़ी ने हाथी मेरे साथी “, “सीता ओर गीता”, “यादो की बारात” जैसी हिट फिल्मे लिख चुके थे |

हुआ कुछ ऐसा की जब जंजीर (zanjeer) फिल्म बन कर पूरी हो गई और फिल्म का सिनेमा घरो मे आने का समय हो गया, फिल्म के प्रमोशन के लिये पुर मुंबई शहर मे पोस्टर लगवाए गए | अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan), जया (jaya) और प्राण फिल्म के पोस्टर पर थे ओर साथ मे फिल्म के डायरेक्टर-प्रड्यूसर प्रकाश मेहरा (prakash mehra) का नाम लिखा था। लेकिन इस कहानी लिखने वाली सलीम-जावेद (salim javed)  का पोस्टर पर नाम ही नहीं था |

जब दोनों ने पोस्टर देखा तो उनके दिल को बहुत धक्का लगा, जिन्होंने इतनी मेनहत कर के कहानी लिखी और उनका पोस्टर पर नाम ही नहीं |

उन्होने रात मे एक पेंटर को पकड़ा और उससे फिल्म का पोस्टर बताते हुए बोले की जहाँ-जहाँ ये पोस्टर दिखाई दे वहा उस पोस्टर पर सलीम-जावेद (salim javed) लिख दे |

अब वो पेंटर भाई ने रात-भर पोस्टर ढूंढ-ढूंढ कर फिल्म के पोस्टर सलीम-जावेद (salim javed) लिख आया |

जब सुबह लोगो ने पोस्टर देखे सलीम-जावेद (salim javed) ने भी पोस्टर देखे तो एक नई समस्या हो गई उस पेंटर ने पोस्टर पर नाम तो लिखे….

लेकिन सलीम-जावेद (salim javed) ने ये नहीं बताया था की पोस्टर पर नाम किस जगह पर लिखना है और पता नहीं वो पेंटर शराब पीया था, तो उसका जहा मन हुआ वहा वो वहाँ सलीम-जावेद लिख आया, कही उसने जया जी के चेहरे पर सलीम-जावेद (salim javed) जावेद लिख दिया तो कही अमिताभ के हाथ पर….

तो कुछ इस तरह की ये घटना हुई जो की काफी मजेदार रही…

दोस्तों आप को सलीम-जावेद (salim javed) से जुडी ये किस्सा केसा लगा कमेंट बॉक्स मे जरूर लिखना..

धन्यवाद जय हिन्द


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